शान्ति पाठ में नवकार मंत्र को पढा जाता है । इस पाठ के प्रभाव से शांती की प्राप्ती होती है । नियमपूर्वक प्रतिदिन शुद्धता के साथ इसका पाठ किया जाता है । यह पाठ लगातार 21 दिन 21 बार किया जाता है । ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी भी जैन मुनि/ जैन साध्वी जी से पूछ सकते है ।
जानियें - जैन धर्म में अनापूर्वी क्या होती है ?
जहाँ १ है, वहाँ नमो अरिहंताणं पढ़ें।
जहाँ २ है, वहाँ नमो सिद्धाणं पढ़ें।
जहाँ ३ है, वहाँ नमो आयरियाणं पढ़ें ।
जहाँ ४ है, वहाँ नमो उवज्झायाणं पढ़ें।
जहाँ ५ है, वहाँ नमो लोए सव्व साहूणं पढ़ें ।
इस प्रकार से आपने शांती पाठ 21 बार नियमपूर्वक पूर्ण शुद्धता के साथ पढ़ना है ।
अगर कोई त्रुटी हो तो ' तस्स मिच्छामी दुक्कडम '.
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