Bhaktamar Stotra Shloka All in One

Abhishek Jain
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Bhaktamar Stotra Shloka (All in One)

भक्तामर स्तोत्र क्या है ? इसकी रचना किसने की थी ?

भक्तामर स्तोत्र (bhaktamar stotra) जैन धर्म का महान प्रभावशाली स्तोत्र है । इस स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंग ने की थी । भक्तामर स्तोत्र की रचना राजा भोज की धार नगरी में हुई थी ।

भक्तामर स्तोत्र में कितने श्लोक है ?

भक्तामर स्तोत्र में श्वेताम्बर मान्यतानुसार 48 श्लोक है , जैन धर्म की एक मान्यतानुसार भक्तामर स्तोत्र (bhaktamar stotra lyrics with meaning) में 44 श्लोक है ।

भक्तामर स्तोत्र किस भाषा में है ? यह स्तोत्र किसे समर्पित है ?

मूलतः भक्तामर स्तोत्र आचार्य मानतुंग ने संस्कृत के बंसत तालिका छंद में लिखा था । यह स्तोत्र जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव भगवान को समर्पित है । इस स्तोत्र की मूल भाषा संस्कृत है ।

इन्हे भी देखें -

Bhaktamar Stotra 48 Gatha (Shloka)

श्री भक्तामर स्तोत्र महान मंगलदायक,सर्वविघ्न विनाशक , पापनाशक तथा सर्वसुखदायी है ।

श्री भक्तामर स्तोत्र का पाठ प्रातः सुबह निश्चित ही करना चाहिए, प्रातः काल का समय भक्तामर स्तोत्र के लिए सबसे उत्तम होता है । सूर्योदय इसके पाठ का सबसे सही समय है ।

अगर संस्कृत पढ़ सके तो सबसे अच्छा है , अगर संस्कृत नही पढ़ सकते तो यह हिन्दी पाठ पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ अवश्य पढ़ना चाहिए ।

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