पुष्पदन्त भगवान की आरती

Abhishek Jain
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तीर्थंकर पुष्पदन्त भगवान की आरती

प्रभु सुविधिनाथ जी जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर है । प्रभु जी का दुसरा नाम पुष्पदंत जी भी है,प्रभु सुविधिनाथ जी पुष्पदंत जी के नाम से भी विख्यात है । प्रभु का जन्म मार्गकृष्ण पंचमी को हुआ था, प्रभु के पिता का नाम सुग्रीव तथा माता का नाम जयरामा देवी था । प्रभु का प्रतीक चिह्न 'मगर' था । प्रभु की देह का रंग दुध की भाँती सफेद था ।


जैन धर्म के ९ वें तीर्थंकर पुष्पदन्त भगवान

सुविधिनाथ जी (पुष्पदन्त भगवान) की आरती

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी, प्रभु जय पुष्पदन्त स्वामी।

काकन्दी में जन्में, त्रिभुवन में नामी॥

 ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…

फाल्गुन कृष्णा नवमी, गर्भकल्याण हुआ। स्वामी…… 

जयरामा सुग्रीव मात-पितु, हर्ष महान हुआ॥१॥

 ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…

मगशिर शुक्ला एकम, जन्मकल्याणक है। 

स्वामी….. तपकल्याणक से भी, यह तिथि पावन है॥ २॥ 

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…

कार्तिक शुक्ला दुतिया, घातिकर्म नाशा। स्वामी……. 

पुष्पकवन में केवल-ज्ञानसूर्य भासा॥३॥ 

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…

भादों शुक्ला अष्टमि, सम्मेदाचल से। स्वामी……

 सकल कर्म विरहित हो, सिद्धालय पहुँचे॥ ४॥

 ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…

हम सब घृतदीपक ले, आरति को आए। स्वामी….. 

यही ‘‘चंदनामती’’ कहे, भव आरत नश जाए॥५॥ 

ॐ जय पुष्पदन्त स्वामी…


" जय जिनेन्द्र
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