मल्लिनाथ प्रभु की आरती

Abhishek Jain
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प्रभु मल्लिनाथ जी जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर है । प्रभु मल्लिनाथ जी का जन्म मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी को अश्विन नक्षत्र में इक्ष्वाकु वंश में मिथिला नगरी में हुआ था । प्रभु के पिता का नाम कुम्भ राजा तथा माता का नाम प्रभावती था । प्रभु की देह का वर्ण नीला तथा प्रतीक चिह्न कलश था।


मल्लिनाथ जी

मल्लिनाथ प्रभु की आरती

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २

मिथिला नगरी जन्मे स्वामी २

प्रजावती माँ हैं जगनामी २

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २

कुम्भराज पितु तुम सम शिशु पाये २

कहलाये सचमुच रत्नाकर २

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २

मगशिर सुदी ग्यारस तिथि प्यारी २

जन्मे त्रिभुवन में उजियारी २

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २

जन्म तिथि में ली प्रभु दीक्षा २

कहलाये प्रभु कर्म विजेता २

मल्लिनाथ प्रभु की आरती कीजे,

पंचम गति का निज सुख लीजे २


" जय जिनेन्द्र " 

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