श्री शांतिनाथ जी की आरती

Abhishek Jain
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प्रभु शांतीनाथ जी जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर है । प्रभु शांतीनाथ जी का जन्म ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी को हस्तिनापुर में हुआ । तीर्थंकर शांतीनाथ जी के पिता का नाम राजा विश्वसेन तथा माता का नाम ऐरादेवी था ।



जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर श्री शांतिनाथ जी

श्री शांतिनाथ जी की आरती 


जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी  

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी । 


मन वच तन से, तुमको वन्दु २ 

जय अन्तरयामी प्रभु जय अन्तरयामी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


गर्भ जनम जब हुआ आपका  २ 

तीन लोक हर्षे स्वामी तीन लोक हर्षे 

इन्द्र कियो अभिषेक शिखर पर २ 

शिव मग के स्वामी बोलो शिव मग के स्वामी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


पंचम चक्री भये आप ही २ 

षट खंड के स्वामी, प्रभु षट खंड के स्वामी 

राज विभव के भोगे प्रभु जी २ 

कामदेव नामी, बोलो कामदेव नामी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


अतुल विभव को तृणवत त्यागे २ 

हुए कर्म नाशी प्रभुजी, हुए कर्म नाशी 

भये आप तीर्थंकर प्रभु जी २ 

शिव रमणी स्वामी, बोलो शिव रमणी स्वामी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


वीर सिंधु को नमस्कार कर २ 

आरती करू थारी, प्रभु आरती करू थारी 

सूरज शिवपुर पावो प्रभु जी २ 

महा सोख्य धारी बोलो महा सोख्य धारी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


मन वच तन से, तुमको वन्दु २ 

जय अन्तरयामी प्रभु जय अन्तरयामी 

जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी ।


नोट - २ जहाँ भी है , वहाँ दो बार बोलना है पूरी लाइन को ।



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