श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरती

Abhishek Jain
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भगवान पार्श्वनाथ जी जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर है । प्रभु पार्श्वनाथ जी का जन्म पौष कृष्ण दशमी के दिन वाराणसी में हुआ था । प्रभु  पार्श्वनाथ जी के माता का नाम वामादेवी तथा पिता का नाम अश्वसेन था ।


श्री पार्श्वनाथ भगवान

श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरती


ॐ जय पारस देवा स्वामी जय पारस देवा !

सुर नर मुनिजन तुम चरणन की करते नित सेवा |


पौष वदी ग्यारस काशी में आनंद अतिभारी,

अश्वसेन वामा माता उर लीनों अवतारी |

ॐ जय पारस देवा ………..


श्यामवरण नवहस्त काय पग उरग लखन सोहैं,

सुरकृत अति अनुपम पा भूषण सबका मन मोहैं |

ॐ जय पारस देवा ………..


जलते देख नाग नागिन को मंत्र नवकार दिया,

हरा कमठ का मान, ज्ञान का भानु प्रकाश किया |

ॐ जय पारस देवा ………..


मात पिता तुम स्वामी मेरे, आस करूँ किसकी,

तुम बिन दाता और न कोई, शरण गहूँ जिसकी |

ॐ जय पारस देवा ………..


तुम परमातम तुम अध्यातम तुम अंतर्यामी,

स्वर्ग-मोक्ष के दाता तुम हो, त्रिभुवन के स्वामी |

ॐ जय पारस देवा ………..


दीनबंधु दु:खहरण जिनेश्वर, तुम ही हो मेरे,

दो शिवधाम को वास दास, हम द्वार खड़े तेरे |

ॐ जय पारस देवा ………..


विपद-विकार मिटाओ मन का, अर्ज सुनो दाता,

सेवक द्वै-कर जोड़ प्रभु के, चरणों चित लाता |

ॐ जय पारस देवा ………..


जानिये - श्री पार्श्वनाथ चालीसा (अहिच्छत्र)

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