भगवान शीतलनाथ जी की आरती

Abhishek Jain
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प्रभु शीतलनाथ जी जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर है । प्रभु का जन्म माघ कृष्ण बारस को भद्रिकापुरी नगरी में इक्ष्वाकु कुल में हुआ था । प्रभु शीतलनाथ जी के पिता का नाम दृढ़रथ राजा तथा माता का नाम सुनन्दा था । प्रभु का प्रतीक चिह्न कल्पवृक्ष था , प्रभु की देह का रंग सुनहरा था ।



भगवान शीतलनाथ जी

भगवान शीतलनाथ जी की आरती

 ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,

स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।

घृत दीपक से करू आरती,

घृत दीपक से करू आरती।

तुम अंतरयामी,

ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,

दृढरथ पितु नामी,

दृढरथ पितु नामी।

मात सुनन्दा के नन्दा तुम,

शिवपथ के स्वामी॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

जन्म समय इन्द्रो ने,

उत्सव खूब किया,

स्वामी उत्सव खूबकिया ।

मेरु सुदर्शन ऊपर,

अभिषेक खूब किया॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

पंच कल्याणक अधिपति,

होते तीर्थंकर,

स्वामी होते तीर्थंकर ।

तुम दसवे तीर्थंकर स्वामी,

हो प्रभु क्षेमंकर॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

अपने पूजक निन्दक केप्रति,

तुम हो वैरागी,

स्वामी तुम हो वैरागी ।

केवल चित्त पवित्र करन नित,

तुमपूजे रागी॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

पाप प्रणाशक सुखकारक,

तेरे वचन प्रभो,

स्वामी तेरे वचन प्रभो।

आत्मा को शीतलता शाश्वत,

दे तब कथन विभो॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

जिनवर प्रतिमा जिनवर जैसी,

हम यह मान रहे,

स्वामी हम यह मान रहे।

प्रभो चंदानामती तब आरती,

भाव दुःख हान करें॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥

ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,

स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।

घृत दीपक से करू आरती,

घृत दीपक से करू आरती।

तुम अंतरयामी,

ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥

॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥



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