जैन धर्म में लेश्या क्या है ?
लेश्या का मतलब होता है,आत्मा का स्वभाव । आत्मा के स्वभाव से तात्पर्य है कि जिसके द्वारा आत्मा कर्मों से लिप्त होती है तथा मन के शुभ और अशुभ परिणाम को लेश्या कहते हैं।जैन धर्म के अनुसार तीन अशुभ लेश्या निम्नलिखित हैं
1.कृष्ण लेश्या
2.नील लेश्या
3.कपोत लेश्या
जैन धर्म के अनुसार तीन शुभ लेश्या निम्नलिखित हैं
1. तेजो लेश्या
2. पदम लेश्या
3. शुक्ल लेश्य
इन सभी लेश्या के लक्षण होते हैं,जिस वजह से उन्हें पहचाना जाता है।
लेश्याओ के लक्ष्ण निम्नलिखत प्रकार से होते है -
1. कृष्ण लेश्या- निर्दयी, पापी, जीवो की हत्या करने वाला ,असंयमित, अमर्यादित, इन्द्रियो को वश मे न रखने वाला आदि उपरोक्त परिणामो से युक्त जीव कृष्ण लेश्या के परिणाम वाला होता है ।2. नील लेश्या - ईर्षालू, कदाग्रही, तपस्या न करने वाला, निर्लज्ज, द्वेष करने वाला, मूर्ख, प्रमादी, तुच्छ तथा सहासिक, बिना विचारे काम करने वाला आदि उपरोक्त परिणामो से युक्त जीव नील लेश्या के परिणाम वाला होता है।
3. कपोत लेश्या - वक्र वचन बोलने वाला, मिथ्या दृष्टि, अनार्य,चोर,मत्सरी आदि । उपरोक्त परिणामो से युक्त जीव नील लेश्या के परिणाम वाला होता है।
जैन धर्म के अनुसार उपरोक्त सभी लक्षण लेश्या को प्रदर्शित करते हैं ,जो जीव जिस तरह का आचरण करता है वह जीव उसी लेश्या से युक्त होता है।
6 लेश्या का स्वरूप समझने के लिए कहानी के माध्यम से इसे समझिए -
कहानी - जामुन का वृक्ष
छह पुरुषों ने एक जामुन का वृक्ष देखा वृक्ष पके हुए फलों से लदा था। शाखाएं नीचे की ओर झुकी हुई थी, उसे देख कर उन्हें फल खाने की इच्छा हुई । वे सोचने लगे किस प्रकार इसके फल खाए जाएं ? एक ने कहा वृक्ष पर चढ़ने से गिरने का डर है, इसलिए इसे जड़ से काट कर गिरा दें और सुख से बैठकर फल खाएं यह सुनकर, दूसरे ने कहा वृक्ष को जड़ से काट कर गिराने से क्या लाभ केवल बड़ी-बड़ी डालिया ही क्यों न काट ली जाएं । इस पर तीसरा बोला बड़ी डालिया न काटकर छोटी-छोटी डालियां ही क्यों न काट ली जाएं । क्योंकि फल तो छोटी-छोटी डालियों में ही लगे हुए हैं। चौथे को यह बात पसंद नहीं आई उसने कहा केवल फलों के गुच्छे ही तोड़े जाएं हम तो फलों से ही प्रयोजन है। पांचवी ने कहा गुच्छे भी छोड़ने की जरूरत नहीं है, केवल पके हुए फल ही नीचे गिरा दिए जाएं यह सुनकर, छठे ने कहा जमीन पर काफी फल गिरे हुए हैं, उन्हें ही खा ले अपना मतलब तो इन्हीं से सिद्ध हो जाएगा।
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