जैन धर्म में प्रतिवासुदेवो कि संख्या 9 होती है, ये 63 उत्कृष्ट श्लाकापुरूष में गिने जाते है, ये प्रतिनायक होते है , प्रत्येक प्रति वसुदेव अपने काल के धर्मनिष्ठ वासुदेव के हाथों मारा जाता है।
फिर भी प्रति वासुदेवो कि कुछ विशिष्टता होती है, जिस कारण से ये पहचाने जाते है।
फिर भी प्रति वासुदेवो कि कुछ विशिष्टता होती है, जिस कारण से ये पहचाने जाते है।
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